Wednesday, August 10, 2011
जन लोकपाल का विरोध कर भ्रस्टा चारियों को मजबूत एबम लोकतंत्र को कमजोर न करें
जनलोकपाल विधेयक कोई हव्वा नहीं है जिससे सब लोग डरे हुए हैं ,एसा भी नहीं की जनलोक पाल के तुरंत बाद हम इमानदार हो जायेंगे,हिंदुस्तान से बेईमानी और भारस्ता चार एकदम समाप्त हो जायेगा,क्या चोरी, डकैती , मर्डर ,रेप,आतंकवाद , के खिलाफ कानून होने से यह कृत्य रुक गए ,या रुक जायेंगे ,बिलकुल नहीं ,लेकिन अगर यहाँ चोरी, डकैती,मर्डर ,रेप,आतंकवाद, करने पर लगाम तो है ही,अपराधों पर नियंत्रण ही किया जा सकता है ,निर्मूल कभी नहीं नहीं किया जा सकता ,यह सब आदिकाल से चलता आरहा है ,और चलता रहेगा .जब कानून बनेगा तो कुछ लोगों, को तो जो कानून तोड़कर गैर कानूनी होने से डर लगेगा , स्वाभाविक है ,कानून से पंगा लेना इतना आसान नहीं ,एक न एक दिन उसे कानून की चक्की में बारीक पिसाई से गुजरना पड़ेगा ,कानून भले ही सजा देने मैं चूक जाये, पर कानूनी प्रक्रिया भी किसी सजा से कम नहीं,आज हमारी पुलिस को भी अपनी मनमानी रोकने के लिए काफी कानूनों से घेर दिया गया है ,चाहे उससे कानूनी प्रक्रिया जाच का कार्य धीमा पड़ा हो लेकिन हिराशत में मौत,फर्जी एनकाउंटर ,नबाबशाही पर काफी रोक लगी है ,लेकिन सांसदों पर नियंत्रण सिर्फ PM के अलावा किसी का नहीं ,अगर PM या सत्ता के सांसद भ्रस्टाचार करें तो उन्हें,रोकने टोकने वाला कोई नहीं ,आज सत्ता दलालों के हाथ गिरवी राखी हुई है ,सब जगह पूंजीपतियों का खेल चल रहा है ,असली दोषी पूंजीपति हैं जो सांसदों को खरीद कर मनचाहा मंत्री बना कर अपना मनमाना लाइसेंस बनबा कर जनता का खून चूस रहे हैं ,अगर कानून बनेगा तो थोडा ही सही ,खौफ तो होगा ,अभी तो इस प्रकार का सौदा है ,आप लाख रूपये का घोटाला कर रहे हैं तो 50 % अधिकारीयों और नेताओं को दे दो और नो टेंसन सर्टिफिकेट ले लो,अगर कानून को ताकतवर नहीं बनायेंगे , तो क्या आज का कानून प्रभावी रूप से भ्रस्टाचार को नियंत्रण करने में सक्षम है ,कानून में सदैव amendments होते रहते हैं ,जरूरत के अनुसार जरूरी भी हैं ,आज जो साइबर क्राइम हो रहे हैं उनके लिए सायबर क्राइम कानून और पुलिस बनानी पड़ी है ,क्या उसकी जरूरत आजादी के समय थी ,अगर आज जरूरत पड़ी तो और भी कानून बनाने पड़ेंगे ,इसमें शक नहीं की संविधान के नियमों में परिवर्तन का अधिकार सिर्फ संसद को ही है, और होना भी चाहिए लेकिन, जब सांसदों के खिलाफ ही जो कानून बन रहा है उस पर जनता का जोर नहीं दिया जाये तो संसद इसे कानून को क्यों कर पास करने लगी , आज जन लोकपाल की जरूरत क्यों पड़ी ,क्योंकि सीबीआई,और सी वी सी को प्रधान मंत्री की सलाह और नियंत्रण में कार्य करना होता है ,जबकि जन लोकपाल नियंत्रण से मुक्त होगा ,पिछले इतिहास में सदैव ही इन संस्थाओं का दुरुपयोग कर सरकार ने , सरकार पर उंगली उठाने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था का मुंह बंद करने के लिए, और अपने कुकृत्यों को ढकने के लिए किया जाता रहा है ,जन लोकपाल को दुरूपयोग से बचाने के लिए ,ही अन्ना जी प्रयाशरत हैं ,हमारे प्रधानमंत्री भी यह स्वीकार कर चुके हैं की प्रधानमंत्री भी जन लोकपाल के दायरे में होना चाहिए ,तो दूसरे भ्रस्ट नेताओं को डर से बचाने की बजाय ,उन्हें भ्रस्ताचार करने से दूर रहने की सलाह देनी चाहिए ,लोकपाल बिल को पहली बार ही पेश नहीं किया जा रहाहो ऐसी बात नहीं , इससे पूर्व सन 1971, 1977, 1985, 1989, 1996, 1998, 2001, 2005 and 2008 में भी पेश किया गया था, लेकिन संसद में कभी पास नहीं हो पाया .२०११ में अन्ना हजारे बाबा रामदेव ने इसको लागु करवाने का जन आन्दोलन करवाया तो रामदेव और उसके सहयोगियों के खिलाफ भी CBI का दुरुपयोग किया जा रहा है ,कितनी बिडम्बना की बात है ,इस देश की सरकार को सिर्फ उन लोगों के खिलाफ ही सीबीआई का दुरुपयोग त्वरित गति से करने की ही याद क्यों आती है जब कोई इनके काले कारनामो को उजागर करना चाहता है ,क्या कभी CBI का उपयोग आतंकवाद,भ्रस्ताचार, के खिलाफ किया गया ,आतंकवाद में हमारे नेता ही इन्वोल्व है ,क्या अरबों रूपये के घोटाले जो नेताओं ने किये उनके खिलाफ कभी CBI का उपयोग हुआ, कारण स्पस्ट है सरकार अपने बचाव के लिए सीबीआई CVC को ढाल के बतौर इस्तेमाल करती है ,अगर सिविल सोसाइटी अपना फर्ज नहीं निभाती हल्ला नहीं मचाती तो क्या पमसीबीआई को कनिमौझी,अ राजा , कलमाडी और अब शीला के खिलाफ जाँच की इजाजत देते ,भाइयो जो घोटाले हो रहे हैं उनमें सरकार का पैसा नहीं ,एक एक पैसा भारत के हरेक नागरिक द्वारा income tax ,service tax ,sales tax अनेकानेक taxes द्वारा आता है ,यह भारत के नागरिकों के पसीने की कमाई है,भ्रस्टा चारियों का साथ देकर,अन्ना जी के खिलाफ बोलकर ,सभी लोग करप्सन को बधाबा दे रहे हैं ,आप सब एक माचिस भी खरीदते हैं तो सरकार को टैक्स अदा पैसे का बोझ्हा आप उठाते हैं ,महेंगायी का रोना रोते है तो उसका कारण भी करप्सन है ,आप जो चाहे करें जन लोकपाल का विरोध कर भ्रस्टा चारियों को मजबूत एबम लोकतंत्र को कमजोर न करें....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment